14 की उम्र में शादी, 16 में पिता: दारा सिंह की अनसुनी दास्तान

दारा सिंह जी का जीवन नाटकीय घटनाओं और गहराई से जुड़ा था। आइए उनके व्यक्तिगत सफर की कहानी को और भी रोमांचक, विस्तार से और भावुकता के साथ एक नज़र में देखें:

1. किशोरावस्था में पहला विवाह
जब दारा सिंह का जन्म 19 नवंबर 1928 को पंजाब के धर्मुचक गाँव में हुआ, तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यही बालक एक दिन रिंग का रॉकस्टार और बाद में सिनेमा का सुल्तान बनेगा। लेकिन 1942 में, मात्र 14 वर्ष की आयु में उनका घर-परिवार ने उनका विवाह बच्नो कौर से कर दिया था। बच्नो कौर, जो उनसे लगभग एक साल बड़ी थीं, उस समय गाँव की एक संवेदनशील और मजबूत महिला मानी जाती थीं  

2. पिता बनते ही संघर्ष की शुरुआत
1945 में जब दारा सिंह मात्र 16 वर्ष के थे, उनके यहाँ पहला संतान—प्रद्युम्न (पार्डुमन) सिंह का जन्म हुआ। लेकिन पारिवारिक ज़िम्मेदारियों ने कम उम्र में ही उन्हें बड़े फैसले लेने के लिए मजबूर कर दिया ― वह सिंगापुर चले गए और वहाँ एक ड्रम मिल में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करनी शुरू कर दीं । उसी बीच बच्नो कौर घर छोड़कर चली गईं, और उनका कोई अता-पता नहीं चला 

3. दूसरी शादी और नया आरंभ
जीवन ने फिर मुस्कुराने का मौका दिया, जब 1961 में दारा सिंह ने सुरजीत कौर से शादी की। उस वक्त सुरजीत महज़ 17 वर्ष की थीं, जबकि उनके पहले बेटे प्रद्युम्न की उम्र 16 से कुछ अधिक थी। इस नाजुक परिस्थितिओं में भी सुरजीत ने धैर्य से परिवार संभाला और दारा सिंह के साथ छह संतानें—तीन बेटे (विंदू, अमृक आदि) और तीन बेटियाँ—जन्मीं 

4. विंदू दारा सिंह: पिता का अनुसरण
दारा सिंह के बड़े बेटे प्रद्युम्न ने अभिनय और निर्देशन की दिशा खोजने की कोशिश की, लेकिन बॉलीवुड में टिक नहीं पाए। वहीं विंदू दारा सिंह ने फिल्मों में कदम रखा, “मुझे प्यार क्यों किया” जैसी बड़ी फिल्मों में सपोर्टिंग भूमिका निभाई, लेकिन बाद में उन्होंने अपने पिता के कदमों पर चलने की बजाय अलग राह चुनी और खेतिहर जीवन को अपनाया  

5. विरासत और स्मृति
दारा सिंह का देहांत 12 जुलाई 2012 को हार्ट अटैक से हुआ, जब वे 83 वर्ष के थे । उनकी धर्मपत्नी सुरजीत कौर का निधन 22 मार्च 2016 को कैंसर के कारण हुआ  आज भी उनकी अनगिनत फोटोज, रिंग की कहानियाँ और फिल्मों की यादें करोड़ों दिलों में जिंदा हैं।