ओम प्रकाश जी की लाहौर से आई चिट्ठी से जुड़ा यह भावुक किस्सा भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अनमोल स्मृति है। यह घटना 1980 में हुई थी, जब प्रसिद्ध पाकिस्तानी ग़ज़ल गायक गुलाम अली खान भारत में अपने पहले कॉन्सर्ट के लिए आए थे। उनके साथ उनकी टीम में युवा तबला वादक अब्दुल सत्तार तारी, जिन्हें बाद में तारी खान के नाम से जाना गया, भी शामिल थे।
मुंबई में हुए एक कॉन्सर्ट के दौरान, अभिनेता जूनियर महमूद (नईम सैय्यद) की मुलाकात तारी खान से हुई। दोनों में दोस्ती हो गई, और जूनियर महमूद ने तारी खान को अपने घर आमंत्रित किया। बातचीत के दौरान, तारी खान ने बताया कि वह ओम प्रकाश जी से मिलना चाहते हैं, क्योंकि उनके पास लाहौर से आई एक चिट्ठी है, जो ओम प्रकाश जी के पुराने मित्र रज़ाक खान ने भेजी है।
जूनियर महमूद, जो ओम प्रकाश जी के करीबी थे, उन्हें रूपतारा स्टूडियो के पास उनके फ्लैट में ले गए। वहां, तारी खान ने ओम प्रकाश जी को वह चिट्ठी सौंपी। चिट्ठी देने वाले का नाम सुनते ही ओम प्रकाश जी भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। यह दृश्य वहां मौजूद सभी लोगों के लिए अत्यंत मार्मिक था, क्योंकि उन्होंने ओम प्रकाश जी को पहले कभी इस तरह रोते नहीं देखा था।