Ghulami (1985)

गुलामी (1985): एक सिनेमाई मील का पत्थर जो आज भी प्रासंगिक है

🎬 फिल्म की जानकारी

  • निर्देशक: जे.पी. दत्ता

  • निर्माता: ए.जी. नाडियाडवाला

  • कहानी और पटकथा: जे.पी. दत्ता, ओ.पी. दत्ता

  • संगीत: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

  • गीतकार: गुलज़ार

  • छायांकन: ईश्वर आर. बिदरी

  • संपादन: दीपक वाई. विर्कुड, एम.डी. वोरलीकर

     
  • स्टूडियो: बेस इंडस्ट्रीज ग्रुप

  • वितरक: नाडियाडवाला संस, बॉम्बिनो वीडियो प्रा. लि.

  • रिलीज़ तिथि: 28 जून 1985

  • समयावधि: 171 मिनट

  • भाषा: हिंदी

👥 मुख्य कलाकार

  • धर्मेंद्र: रंजीत सिंह चौधरी

  • मिथुन चक्रवर्ती: जावर प्रताप

  • नसीरुद्दीन शाह: ठाकुर सुल्तान सिंह

  • रेखा: मोरन सिंह चौधरी

  • स्मिता पाटिल: सुमित्रा

  • अनीता राज: तुलसी

  • कुलभूषण खरबंदा: हवलदार गोपी दादा

  • रज़ा मुराद: फतेहपुर के थानेदार

  • ओम शिवपुरी: बड़े ठाकुर

  • अमिताभ बच्चन: वाचक (Narrator)

📝 कहानी का सारांश

फिल्म की कहानी राजस्थान के फतेहपुर नामक गांव में रहने वाले रंजीत सिंह चौधरी के इर्द-गिर्द घूमती है। रंजीत, एक जाट किसान का बेटा है, जो बचपन से ही जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाता है। शिक्षा के लिए शहर जाने के बाद, वह अपने पिता की मृत्यु पर गांव लौटता है और पाता है कि हालात जस के तस हैं। अपने पिता के कर्ज़ को चुकाने से इनकार करते हुए, वह जमींदारों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकता है। फिल्म में रंजीत के संघर्ष, प्रेम, बलिदान और सामाजिक बदलाव की कहानी को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

🎭 निर्माण से जुड़ी रोचक बातें

  • कास्टिंग में बदलाव: फिल्म की शुरुआत में विनोद खन्ना को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया था, लेकिन उनके इंडस्ट्री छोड़ने के बाद धर्मेंद्र को कास्ट किया गया।

  • आर्थिक चुनौतियाँ: निर्माता हबीब नाडियाडवाला के पिता की मृत्यु के बाद वित्तीय संकट के चलते फिल्म की शूटिंग में देरी हुई। धर्मेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती ने बिना फीस के काम करने का निर्णय लिया, जिसे अन्य कलाकारों ने भी अपनाया।

  • विवादास्पद दृश्य: फिल्म के एक दृश्य में ठाकुर द्वारा धर्मेंद्र की मां को जूते सिर पर रखने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे राजस्थान के कुछ हिस्सों में विरोध और हिंसा हुई।

  • शूटिंग स्थल: फिल्म की शूटिंग राजस्थान के फतेहपुर में हुई, जहां कलाकारों को टेंट कॉलोनी में ठहराया गया था। शाम को राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था।

💰 बॉक्स ऑफिस और समीक्षाएँ

गुलामी ने 1.2 करोड़ रुपये के बजट में बनी होकर 3 करोड़ रुपये की कमाई की और 1985 की 9वीं सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी। फिल्मफेयर मैगज़ीन ने इसे "ताज़ा और प्रभावशाली" बताते हुए जे.पी. दत्ता के निर्देशन की सराहना की।