मदर इंडिया" (1957)

1957 में बनी वो मूवी, जिसने दुनिया में दिलाई बॉलीवुड को पहचान, जीत सकती थी  ऑस्कर, 66 साल बाद भी रुला देगी मूवी - Mother india movie released in 1957  made in

सुनील दत्त जी की फिल्मों में से एक अत्यंत प्रसिद्ध और समीक्षकों द्वारा सराही गई फिल्म है "मदर इंडिया" (1957)। यह फिल्म भारतीय सिनेमा की एक मील का पत्थर मानी जाती है और इसमें सुनील दत्त ने 'बीरजू' की भूमिका निभाई थी, जो उनके करियर की सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है।


🎬 फिल्म: मदर इंडिया (1957)

  • निर्देशक: महबूब खान

  • मुख्य कलाकार: नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, राज कुमार

  • संगीत: नौशाद

  • गीतकार: शकील बदायूंनी

  • शैली: ड्रामा, सामाजिक

  • भाषा: हिंदी

     
  • अवधि: 172 मिनट

  • प्रकाशन वर्ष: 1957

  • बॉक्स ऑफिस: उस समय की सबसे सफल फिल्मों में से एक


🧭 कहानी संक्षेप

"मदर इंडिया" एक गरीब ग्रामीण महिला राधा (नरगिस) की कहानी है, जो अपने बच्चों की परवरिश और अपने मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करती है। फिल्म में राधा के बेटे बीरजू (सुनील दत्त) का चरित्र विद्रोही और जटिल है, जो अपनी मां के आदर्शों के विपरीत रास्ता अपनाता है। फिल्म भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति, मातृत्व और नैतिकता के मुद्दों को उजागर करती है।


🌟 सुनील दत्त का प्रदर्शन

सुनील दत्त ने बीरजू की भूमिका में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनका चरित्र एक विद्रोही बेटे का है, जो अंततः अपनी मां के हाथों मारा जाता है, जब वह उसके आदर्शों के खिलाफ जाता है। इस भूमिका ने सुनील दत्त को एक गंभीर अभिनेता के रूप में स्थापित किया और उन्हें व्यापक प्रशंसा मिली।


🏆 पुरस्कार और मान्यता

  • "मदर इंडिया" को 1958 में ऑस्कर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए नामांकित किया गया था, जो किसी भी भारतीय फिल्म के लिए पहली बार था।

  • फिल्म ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते और इसे भारतीय सिनेमा की एक क्लासिक माना जाता है।


🎵 संगीत

फिल्म का संगीत नौशाद द्वारा रचित है और इसके गीत शकील बदायूंनी ने लिखे हैं। कुछ प्रमुख गीत:

  • "होली आई रे कन्हाई"

  • "दुःख के अब दिन बीते"

  • "ओ गंगा मईया"


"मदर इंडिया" न केवल एक फिल्म है, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा का प्रतीक है। सुनील दत्त जी का इसमें योगदान अमूल्य है और यह फिल्म उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।