मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की प्रेम कहानी भारतीय कॉर्पोरेट जगत की सबसे प्रेरणादायक और भावनात्मक कहानियों में से एक है। यह कहानी सिर्फ एक बिजनेस फैमिली की शादी नहीं, बल्कि दो व्यक्तित्वों के मिलन की दास्तान है, जिसमें आत्मनिर्भरता, सम्मान और पारिवारिक मूल्यों की गहरी झलक मिलती है।
🌟 प्रेम कहानी की शुरुआत
नीता अंबानी, जो एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम नृत्यांगना थीं, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति दे रही थीं। उसी कार्यक्रम में धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन अंबानी भी उपस्थित थे। नीता के नृत्य से प्रभावित होकर, धीरूभाई ने उनके बारे में जानकारी प्राप्त की और कुछ दिनों बाद उन्हें अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया।
जब नीता अंबानी धीरूभाई से मिलने पहुंचीं, तो उन्होंने नीता से पूछा, "क्या तुम मेरे बड़े बेटे मुकेश से मिलना चाहोगी?" यहीं से मुकेश और नीता की पहली मुलाकात हुई।
💍 अनोखा प्रपोज़ल
मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की मुलाकातें बढ़ने लगीं और एक दिन, मुंबई की व्यस्त सड़क पर कार में बैठते समय, मुकेश ने नीता से पूछा:
"मुझसे शादी करोगी? हां या ना। अभी जवाब दो।"
नीता ने उत्तर दिया:
"हां, करूंगी। लेकिन मेरी एक शर्त है। मैं भी शादी के बाद काम करूंगी।"
मुकेश ने नीता की शर्त को स्वीकार किया, और इस तरह उनकी प्रेम कहानी ने एक नया मोड़ लिया।
👰♀️ विवाह और पारिवारिक जीवन
1985 में, मुकेश और नीता अंबानी ने विवाह किया। शादी के बाद भी, नीता ने अपने करियर को जारी रखा और रिलायंस फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
उनके तीन बच्चे हैं: आकाश, ईशा और अनंत। तीनों ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय भूमिका निभाई ह
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा प्यार और आपसी सम्मान किसी भी रिश्ते की नींव होते हैं, चाहे वह दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में से एक क्यों न हो।